क्या जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण अप्रैल 2025 में पूरा होगा

दोस्तों, आज मैं आपको उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक – नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेवर एयरपोर्ट) के बारे में विस्तार से बताने जा रहा/रही हूं। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक गेम चेंजर साबित होने वाला है।

परियोजना का परिचय

जेवर एयरपोर्ट को स्विट्जरलैंड की कंपनी फ्लुगहैफेन ज्यूरिख एजी विकसित कर रही है। यह एयरपोर्ट ग्रेटर नोएडा के दक्षिण में बन रहा है और इसका मास्टर प्लान चार चरणों में पूरा होगा। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगा, तो यह प्रति वर्ष 70 मिलियन यात्रियों को संभाल सकेगा।

न्यू-नोएडा-के-विकास-के-लिए

प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं

आइए इस मेगा प्रोजेक्ट की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों पर नज़र डालें:

  1. क्षेत्रफल और लागत
  • कुल क्षेत्रफल: 1,334 हेक्टेयर (इतनी जमीन पर तो एक छोटा शहर बस सकता है!)
  • अनुमानित लागत: 29,650 करोड़ रुपये (हां, आपने सही पढ़ा!)
  1. प्रबंधन और संचालन
  • मालिक: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL)
  • ऑपरेटर: यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL)
  • ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की 100% सहायक कंपनी

निर्माण की वर्तमान स्थिति

अगस्त 2024 तक की स्थिति के अनुसार:

  • टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण जोरों पर है
  • एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर लगभग तैयार है
  • रनवे का काम अंतिम चरण में है
  • एप्रन और अन्य बुनियादी सुविधाओं का काम प्रगति पर है

कनेक्टिविटी – एयरपोर्ट तक कैसे पहुंचें?

एयरपोर्ट को कई तरीकों से कनेक्ट किया जा रहा है:

  1. मेट्रो कनेक्टिविटी
  • नॉलेज पार्क II से जेवर एयरपोर्ट तक नई मेट्रो लाइन
  • DMRC इसकी डीपीआर तैयार कर रही है
  1. रोड कनेक्टिविटी
  • 30 किमी लंबी 6-लेन एक्सप्रेसवे (नोएडा एयरपोर्ट से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक)
  • यमुना एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्शन
  1. रेल कनेक्टिविटी
  • दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) का स्टेशन

विशेष सुविधाएं और नवीनताएं

  1. पर्यावरण के अनुकूल
  • भारत का पहला नेट-जीरो एमिशन हवाई अड्डा
  • सौर ऊर्जा का व्यापक उपयोग
  • जल संरक्षण और पुनर्चक्रण की विशेष व्यवस्था
  1. आधुनिक सुविधाएं
  • स्टेट-ऑफ-द-आर्ट कार्गो टर्मिनल
  • एकीकृत मल्टीमॉडल कार्गो हब
  • 186 विमान स्टैंड
  • अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं

प्रोजेक्ट का महत्व

  1. आर्थिक प्रभाव
  • रोजगार सृजन (हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां)
  • क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा
  • रियल एस्टेट सेक्टर में वृद्धि
  1. क्षेत्रीय विकास
  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश का विकास
  • आसपास के राज्यों को लाभ
  • दिल्ली IGI एयरपोर्ट पर दबाव कम होगा

चुनौतियां और समाधान

  1. भूमि अधिग्रहण
  • किसानों को उचित मुआवजा
  • पुनर्वास पैकेज
  • रोजगार के अवसर
  1. पर्यावरणीय चिंताएं
  • हरित क्षेत्र का विकास
  • जैव विविधता का संरक्षण
  • प्रदूषण नियंत्रण उपाय

भविष्य की योजनाएं

Phase 1 Layout Plan

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पहले चरण में 90,000 वर्ग मीटर का टर्मिनल 1 भवन, 4150 x 45 कोड ‘ई’ रनवे (रनवे 10/28) जो कैट III एप्रोच लाइटिंग और विजुअल एड्स से पूरी तरह समर्थित है, समानांतर एंड टू एंड टैक्सीवे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) भवन, कार्गो सुविधा, वाणिज्यिक विकास, मेट्रो और हाई स्पीड रेल स्टेशन, और अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा

Phase 2 Layout Plan

फेज 2 में फेज 1 के समान ही विकास की परिकल्पना की गई है, जिसमें एक नया टर्मिनल 2, नया रनवे और समानांतर टैक्सीवे का निर्माण किया जाएगा

Phase 3 Layout Plan

देखिए, फेज 3 में काफी बड़ा विस्तार होने वाला है। सबसे पहले तो एक विशाल टर्मिनल 3 बनेगा, जो लगभग 1,60,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला होगा। इसके साथ ही कोड एफ कैट III ऑपरेशंस के हिसाब से एक नया दूसरा समानांतर टैक्सीवे भी बनेगा। और हाँ, विमानों की आवाजाही को और सुविधाजनक बनाने के लिए 3 रैपिड एग्जिट टैक्सीवे भी बनाए जाएंगे। साथ ही एप्रन का भी विस्तार किया जाएगा, जिसमें 37 नई विमान पार्किंग की जगह बनेगी। यानी कि कुल मिलाकर यह फेज एयरपोर्ट की क्षमता को काफी बढ़ा देगा।

निष्कर्ष

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा सिर्फ एक एयरपोर्ट नहीं है, यह एक मेगा प्रोजेक्ट है जो:

  • क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बदल देगा
  • हजारों लोगों को रोजगार देगा
  • देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा

यह प्रोजेक्ट न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। इससे न सिर्फ हवाई यात्रा की सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि पूरे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा।

अंतिम टिप्पणी

दोस्तों, जेवर एयरपोर्ट का निर्माण भारत के विकास की कहानी का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह प्रोजेक्ट दिखाता है कि कैसे सही योजना, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से बड़े से बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं। आने वाले समय में यह एयरपोर्ट न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे उत्तर भारत के विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।

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